
नमस्ते मैं स्निग्धा, सबसे पहले आप सबको आपके बहुमूल्य टिप्पणियों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया गंगाधर जी आपने सही कहा दुःख की खबर तो निश्चित रूप से है और केवल दुःख ही नहीं यह एक ऐसी क्षति है जो कभी ठीक नहीं हो सकती, नहीं इस खालीपन को कोई भर सकता है
"""""""""पॉप का बादशाह माइकल"""""""""
गार्गी जी आपके विचारों का बहुत सम्मान करती हूँ, आपने बिलकुल सही कहा उनका शारीर ही नहीं रहा, परन्तु उनकी कला हमारे बीच हमेशा यूँही जीवित रहेगी उनकी क्षति को तो कोई पूर्ण नहीं कर सकता पर शायद उनका संगीत इस खालीपन को भरने में काम आए
दिगंबर जी आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद, आपकी टिपण्णी व समय के लिए
यूँही लिखते रहे , हिन्दुस्तान और हिंदी को जीवित करने की इस छोटी सी प्रयास में हमारा साथ देते रहे
धन्यवाद,
स्निग्धा